चुनाव परिणाम के बाद पहली कैबिनेट बैठक में सीएम योगी ने इन 7 बड़े फैसलों पर लगाई मुहर..

लखनऊ  लोकसभा चुनाव 2011 के परिणाम आने के बाद पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में हुई। यह बैठक सबसे ज्यादा अहम है। इस बैठक में सात प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए योगी सरकार ने ट्रांसफर नीति पॉलिसी बदली है। स्थानांतरण नीति में संशोधन के जरिये राज्य कर्मचारियों के तबादलों के लिए अंतिम समयसीमा को 31 मई से बढ़ाकर 30 जून करने का प्रस्ताव लिया गया है। इसके साथ ही गौ-संरक्षण और गन्ना किसानों के हक में फैसले लिए गए। उत्तर प्रदेश गन्ना  अधिनियम, 1953 की धारा-18 में विधायी संशोधन और उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिली।
इसके अलावा 31 मार्च, 2018 को समाप्त हुए वर्ष के लिए भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन, मदिरा उत्पादन एवं बिक्री के मूल्य निर्धारण (राज्य आबकारी विभाग) उप्र सरकार के प्रतिवेदन को विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले राज्यपाल की अनुमति प्राप्त कर ने, बजट में एकमुश्त प्रावधानित धनराशि के सापेक्ष व्यय की नई योजनाओं के लिए बजट मैनुअल पैरा-94 के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में जारी स्वीकृतियों का विवरण, उप्र गो सरंक्षण एवं संवद्र्धन कोष नियमावली-2019 पर मंत्रिपरिषद का अनुमोदन, वित्तीय वर्ष 2018-19 में नागरिक उड्डयन विभाग में विभिन्न परियोजनाओं हेतु एकमुश्त बजट व्यवस्था के अन्तर्गत प्रदान की गई स्वीकृति की स्थिति से कैबिनेट को अवगत कराने और गौतमबुद्धनगर जिले में जेवर के निकट नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की स्थापना संबंधित प्रस्ताव लिए गए है।
इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
-गन्ना अधिनियम की धारा में संशोधन किया गया
-उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय 1983 में संशोधन किया गया।
-खर्च टेक्निकल एजुकेशन में 66.75 करोड़ .. नागरिक उड्डयन विभाग ने 124 करोड़ 2018- 19 में किया खर्च
- उत्तर प्रदेश गौ वंश संरक्षण 2019 के नियम में बदलाव का प्रस्ताव पास
-गौ वंश संरक्षण नियमावली के क्रियान्वयन के लिए किए गए बदलाव , बजट के सम्बंध में
-अमेठी के सभी कालेज डॉ राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय से संबद्ध किया गया। पहले कानपुर छत्रपति शाहूजी महाराज से संबंधित सभी कालेज
-उत्तर प्रदेश गौ संरक्षण  संवर्धन नियमावली बनाई गई, गौशाला के फंड के लिए चंदा के माध्यम से लिया जाएगा, केंद्र राज्य सरकार से प्राप्त धनराशि ली जाएगी। आबकारी विभाग से .5 प्रतिशत वार्षिक राजस्व जाएगा। गौशाला के संरक्षण के लिए फंड का अनुमोदन पास किया गया

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